पुरानी प्रचलित कहावतों और मुहावरों में छुपे हुए आध्यात्मिक तथ्यों को प्रकाशित करना
दादी के बोल सरल, सरस, सहज और गूढ़
₹149.00 GST
About Author
लेखक का परिचय
श्री ओम प्रकाश नेमानी
६७२, फर्न्स पैराडाइस ,
दोडनकुण्डी,
बेंगलुरु – ५६००३७
श्री ओम प्रकाश नेमानी ने लखनऊ यूनिवर्सिटी में शिक्षा प्राप्त की, उन्हें स्वर्ण पदक से श्री वी. वी. गिरी, भारत के पूर्व राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया था| वे एक संभ्रांत परिवार से आते हैं| उन्हें जीवन के विभिन्न क्षेत्रों का अनुभव है| वे ८० वर्ष की आयु में भी पूर्ण रूप से स्वस्थ तथा कार्य शील हैं| पिछले ३ वर्षों से उनका संपर्क सदगुरु श्री रमेश जी, पूर्णा आनन्दा आश्रम, हैदराबाद से हुआ और उसने उनके जीवन में क्रन्तिकारी परिवर्तन कर दिया|
अब वे अपना समय, अध्यन एवं पुस्तकें लिखने में व्यतीत करने में, अधिक आनंद का अनुभव करते हैं| उनकी पुस्तकें जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में उनके किये गए अनुभवों, घटनाओं तथा प्रचलित कहानियों पर आधारित होती हैं| उनको आध्यात्मिक दृष्टि से कैसे देखा जाये, यह उनकी विषेशता है|
उनकी एक पुस्तक अंग्रेजी में ‘हैप्पीनेस २४/७’ प्रकाशित हो चुकी हैं, वह पाठकों द्वारा अत्यंत सराही गयी है| उनकी दूसरी पुष्तक अंग्रेजी में ‘कृष्णा दी सुपर कॉन्शसनेस’ छप रही है और शीघ्र ही प्रकाशित होने जा रही है|
यह पुस्तक ‘दादी के बोल’ उन्होंने हिंदी में लिखी है| इसमें उन्होंने कहावतों और मुहावरों द्वारा जीवन की सच्चाइयों को आध्यात्मिक दृष्टि से देखने का अनूठा प्रयास किया है|
उनकी पुस्तकें ऑनलाइन अमेज़न तथा फ्लिपकार्ट आदि पर भी प्राप्त की जा सकती हैं| उनकी ईमेल ompnem@gmail.com है|
DIMENSIONS | 5.5 x 8.5 in |
---|---|
LAMINATION | Gloss |
BINDING | Paperback |
PAGE COUNT | 120 |
ISBN | 9789388573115 |
Reviews
There are no reviews yet.
Be the first to review “दादी के बोल सरल, सरस, सहज और गूढ़”